क्या आपको कभी ‘Hari Shabd Roop’ याद करने या लिखने को कहा गया है? ‘हरि’ एक इकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द है, जो संस्कृत व्याकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे समझना और याद करना न केवल परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि संस्कृत भाषा की व्याकरणिक संरचना को गहराई से समझने में भी सहायक है।
यह ब्लॉग आपको ‘Hari Shabd Roop’ के विभक्ति और वचन के आधार पर सभी रूपों को विस्तार से समझाने और याद करने में मदद करेगा। साथ ही, अंत में PDF डाउनलोड का विकल्प भी उपलब्ध होगा ताकि आप इसे आसानी से उपयोग कर सकें।
Table of Contents
Hari Shabd Roop Chart
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | हरिः | हरी | हरयः |
द्वितीया | हरिम् | हरी | हरीन् |
तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः |
चतुर्थी | हरये | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
पंचमी | हर्याः | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
षष्ठी | हर्याः | हर्योः | हरिणाम् |
सप्तमी | हरौ | हर्योः | हरिषु |
संबोधन | हे हरि | हे हरी | हे हरयः |
इकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द क्या है?
हरि शब्द संस्कृत में एक इकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द है।
इकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द वे होते हैं जिनका अंतिम स्वर “इ” होता है और जो पुल्लिंग के रूप में प्रयुक्त होते हैं।
उदाहरण: हरि, अग्नि, मुनि, वाणि आदि।
यह शब्द संस्कृत व्याकरण के अत्यंत महत्वपूर्ण भाग हैं। इनका उपयोग विभक्ति और वचन के आधार पर संस्कृत वाक्यों में किया जाता है। हरि शब्द का प्रयोग भगवान विष्णु के पर्यायवाची नाम के रूप में भी होता है। यह शब्द संस्कृत भाषा में उच्चारण, प्रयोग और अर्थ की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है।
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शब्द रूप किसे कहते हैं?
शब्द रूप से तात्पर्य है किसी शब्द के विभक्ति और वचन के आधार पर बनने वाले विभिन्न रूप। यह शब्द के व्याकरणिक प्रयोग को समझने में सहायता करता है।
हरि शब्द रूप का उपयोग विभक्तियों और वचनों के आधार पर किया जाता है। यह संस्कृत में व्याकरणिक संरचना को समझने के लिए अनिवार्य है।
शब्द रूप के प्रकार
शब्द रूप को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया गया है:
- विकारी शब्द
वे शब्द जो विभक्ति, लिंग, वचन आदि के आधार पर बदलते हैं।- जैसे: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया।
- हरि एक विकारी शब्द है।
- अविकारी शब्द
वे शब्द जो किसी भी परिस्थिति में नहीं बदलते।- जैसे: क्रिया विशेषण, समुच्चयबोधक, निपात।
शब्द रूप को विभक्ति और वचन के आधार पर विभाजित किया गया है:
विभक्ति (Cases)
संस्कृत में 8 विभक्तियाँ होती हैं:
- प्रथमा (कर्ता कारक) – कर्ता का रूप।
- द्वितीया (कर्म कारक) – कर्म का रूप।
- तृतीया (करण कारक) – साधन का रूप।
- चतुर्थी (सम्प्रदान कारक) – प्राप्तकर्ता का रूप।
- पंचमी (अपादान कारक) – स्रोत का रूप।
- षष्ठी (सम्बन्ध कारक) – सम्बन्ध को दर्शाने वाला रूप।
- सप्तमी (अधिकरण कारक) – स्थान को दर्शाने वाला रूप।
- संबोधन (विस्मय कारक) – किसी को संबोधित करने का रूप।
वचन (Numbers)
संस्कृत में तीन वचन होते हैं:
- एकवचन – एक के लिए।
- द्विवचन – दो के लिए।
- बहुवचन – तीन या अधिक के लिए।
हरि शब्द इन विभक्तियों और वचनों के आधार पर अपना रूप बदलता है।
Hari Shabd Roop Chart In Hindi Meaning
विभक्ति | एकवचन (अर्थ) | द्विवचन (अर्थ) | बहुवचन (अर्थ) |
प्रथमा | हरिः (हरि, हरि ने) | हरी (दो हरि, दो हरि ने) | हरयः (अनेक हरि, अनेक हरि ने) |
द्वितीया | हरिम् (हरि को) | हरी (दो हरि को) | हरीन् (अनेक हरि को) |
तृतीया | हरिणा (हरि से, हरि के द्वारा) | हरिभ्याम् (दो हरि से, दो हरि के द्वारा) | हरिभिः (अनेक हरि से, अनेक हरि के द्वारा) |
चतुर्थी | हरये (हरि को, हरि के लिए) | हरिभ्याम् (दो हरि को, दो हरि के लिए) | हरिभ्यः (अनेक हरि को, अनेक हरि के लिए) |
पञ्चमी | हरितः (हरि से) | हरिभ्याम् (दो हरि से) | हरिभ्यः (अनेक हरि से) |
षष्ठी | हर्यः / हरेः (हरि का, हरि की) | हर्योः (दो हरि का, दो हरि की) | हरीणाम् (अनेक हरि का, अनेक हरि की) |
सप्तमी | हरौ (हरि में, हरि पर) | हर्योः (दो हरि में, दो हरि पर) | हरिषु (अनेक हरि में, अनेक हरि पर) |
सम्बोधन | हे हरि! (हे हरि!) | हे हरी! (हे दो हरि!) | हे हरयः! (हे अनेक हरि!) |

हरि शब्द रूप कैसे याद करें? (How to Memorize Hari Shabd Roop)
हरि शब्द रूप को याद करना संस्कृत व्याकरण के अभ्यास में सबसे महत्वपूर्ण और रोचक कार्यों में से एक है। इसे याद करने के लिए निम्नलिखित प्रभावी तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है:
1. Mnemonic विधि (Mnemonic Method)
Mnemonic विधि एक ऐसी तकनीक है जो शब्दों और उनके रूपों को किसी कहानी, चित्र, या कल्पना से जोड़कर याद रखने में मदद करती है।
- कहानी का उपयोग:
हरि शब्द रूप को याद करने के लिए एक काल्पनिक कहानी बनाएं। उदाहरण:
“भगवान हरि (विष्णु) अपने बगीचे में काम कर रहे हैं।- प्रथमा विभक्ति: हरिः गार्डन में खड़े हैं।
- द्वितीया विभक्ति: हरिम् ने एक पौधे को देखा।
- तृतीया विभक्ति: हरिणा ने पौधों को पानी दिया।
- चतुर्थी विभक्ति: हरये अपने भक्तों ने फूल अर्पित किए।
- सप्तमी विभक्ति: हरौ भक्तों ने ध्यान लगाया।”
- चित्र का उपयोग:
एक चार्ट बनाएं, जिसमें भगवान हरि का चित्र हो और विभक्ति अनुसार कार्यों को लिखें। इससे शब्द रूपों को एक दृश्य रूप में याद करना आसान हो जाएगा।
2. तालिका बनाना (Create a Table)
हरि शब्द रूप को एक व्यवस्थित तालिका में लिखने से इसे याद करना और अभ्यास करना सरल हो जाता है।

- तालिका को विभक्ति (Cases) और वचन (Numbers) के आधार पर व्यवस्थित करें।
- इस तालिका को कागज पर लिखकर दीवार पर चिपकाएं या नियमित रूप से इसे पढ़ें।
3. वाक्यों का अभ्यास (Practice with Sentences)
Hari Shabd Roop के विभक्ति और वचन के आधार पर वाक्य बनाकर अभ्यास करें। यह तकनीक न केवल शब्द रूपों को याद रखने में मदद करेगी बल्कि उनके सही उपयोग को भी समझने में सहायक होगी।
उदाहरण वाक्य: Hari Shabd Roop
- प्रथमा विभक्ति (कर्ता):
हरिः पाठं पठति। (हरि पाठ पढ़ता है।) - द्वितीया विभक्ति (कर्म):
गुरुः हरिम् आशीर्वादं ददाति। (गुरु हरि को आशीर्वाद देते हैं।) - तृतीया विभक्ति (करण):
हरिणा धर्मः पालनं कृतम्। (हरि द्वारा धर्म का पालन किया गया।) - चतुर्थी विभक्ति (सम्प्रदान):
भक्ताः हरये पुष्पाणि अर्पयन्ति। (भक्त हरि को फूल अर्पित करते हैं।) - पंचमी विभक्ति (अपादान):
भक्ताः हर्याः कृपां लभन्ते। (भक्त हरि की कृपा प्राप्त करते हैं।) - षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध):
हर्याः नाम यशः चिरकालं स्थिरं अस्ति। (हरि का नाम और यश चिरकाल तक स्थिर है।) - सप्तमी विभक्ति (अधिकरण):
हरौ श्रद्धा अर्पिता भवति। (हरि में श्रद्धा अर्पित होती है।) - संबोधन:
हे हरि! माम् रक्ष। (हे हरि! मेरी रक्षा करो।)
विभिन्न विभक्तियों और वचनों के इन वाक्यों को लिखें और जोर-जोर से पढ़ें।
4. नियमित अभ्यास (Regular Practice)
- लिखने का अभ्यास करें:
हर दिन कम से कम 5 बार पूरी तालिका लिखें। - आवाज में बोलें:
तालिका को ज़ोर से बोलकर पढ़ें। उच्चारण करने से शब्द रूप दिमाग में लंबे समय तक रहते हैं। - Flashcards का उपयोग करें:
विभक्तियों और वचनों के लिए अलग-अलग Flashcards बनाएं। एक तरफ विभक्ति लिखें और दूसरी तरफ हरि शब्द का रूप। - Quiz करें:
खुद से या दोस्तों के साथ हरि शब्द रूप पर प्रश्नोत्तरी खेलें।
5. ग्रुप अध्ययन (Group Study)
यदि संभव हो, तो संस्कृत का अभ्यास करने वाले दोस्तों या सहपाठियों के साथ अध्ययन करें। हरि शब्द रूप को लेकर एक-दूसरे से प्रश्न पूछें और उत्तर दें। समूह में अभ्यास करने से रुचि और स्मरण शक्ति दोनों बढ़ती है।
6. डिजिटल उपकरणों का उपयोग (Use Digital Tools)
Hari Shabd Roop
आज के समय में कई डिजिटल उपकरण उपलब्ध हैं जो संस्कृत व्याकरण सिखाने में मदद करते हैं।
- Apps: संस्कृत अभ्यास के लिए Duolingo, Learn Sanskrit आदि ऐप्स का उपयोग करें।
- YouTube वीडियो: हरि शब्द रूप को याद करने के लिए विभिन्न शिक्षकों के वीडियो देखें।
हरी शब्द से बनने वाले वाक्य (संस्कृत में हिंदी अर्थ सहित)
यहाँ प्रत्येक विभक्ति और वचन के अनुसार ‘हरी’ शब्द के उदाहरण वाक्य दिए गए हैं, जो आपको व्याकरणिक प्रयोग समझने में मदद करेंगे:
प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक)
- एकवचन: हरीं शरणं गच्छति। (हरी शरण में जाता है।)
- द्विवचन: हरिवयोः युद्धे विजयं प्राप्यते। (दो हरियों के युद्ध में विजय प्राप्त होती है।)
- बहुवचन: हरयः पृथ्वीं रक्षन्ति। (हरे पृथ्वी की रक्षा करते हैं।)
द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक)
- एकवचन: हरिम् तपसा पूजयति। (वह हरी की पूजा तप द्वारा करता है।)
- द्विवचन: हरिवयोः वस्त्राणि विक्रयन्ते। (दो हरियों के वस्त्र बिकते हैं।)
- बहुवचन: हरयः वनं पालयन्ति। (हरे वन की रक्षा करते हैं।)
तृतीया विभक्ति (करण कारक)
- एकवचन: हरिणा वनं सुरभितं भवति। (हरी से वन सुरभित होता है।)
- द्विवचन: हरिभ्याम् सन्तोषः प्राप्तः। (दो हरियों से सुख की प्राप्ति होती है।)
- बहुवचन: हरिभिः पृथिव्यां सुखं सम्राज्यं लभते। (हरे पृथ्वी पर सुख और सम्राज्य प्राप्त करते हैं।)
चतुर्थी विभक्ति (सम्प्रदान कारक)
Hari Shabd Roop
- एकवचन: हराय देवः दर्शनं ददाति। (देव हरी को दर्शन देते हैं।)
- द्विवचन: हरिभ्याम् भक्तिराजं अर्प्यते। (दो हरियों को भक्ति अर्पित की जाती है।)
- बहुवचन: हरिभ्यः पुण्यं समर्पितं भवति। (हरे को पुण्य समर्पित किया जाता है।)
पंचमी विभक्ति (अपादान कारक)
- एकवचन: हरिणा भूमि संरक्षितं अस्ति। (हरी से भूमि संरक्षित है।)
- द्विवचन: हरिभ्याम् पर्वतं समृद्धं भवति। (दो हरियों से पर्वत समृद्ध होता है।)
- बहुवचन: हरिभ्यः जलं उपलभ्यते। (हरे से जल प्राप्त होता है।)
षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध कारक)
- एकवचन: हरिणां रुपं नयनार्थम्। (हिरण के रूप को देखने के लिए।)
- द्विवचन: हरिवयोः रूपं दिव्यं अस्ति। (दो हरियों का रूप दिव्य है।)
- बहुवचन: हरिणां रूपं अद्वितीयं। (हिरणों का रूप अद्वितीय है।)
सप्तमी विभक्ति (अधिकरण कारक)
- एकवचन: हरिणा सह युद्धे जयः प्राप्तः। (हरी के साथ युद्ध में विजय प्राप्त हुई।)
- द्विवचन: हरिवयोः स्नेहं समर्पयत। (दो हरियों के प्रेम को समर्पित करो।)
- बहुवचन: हरयः युद्धे उत्कृष्टता प्राप्तयन्ति। (हरे युद्ध में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।)
सम्बोधन (विस्मय कारक)
- एकवचन: हे हरे! शरणं गच्छ। (हे हरी! शरण में जाओ।)
- द्विवचन: हे हरिवयो! संघर्षं कर्तव्यम्। (हे दो हरे! संघर्ष करो।)
- बहुवचन: हे हरयः! युद्धे जयम् प्राप्तताम्। (हे हरे! युद्ध में विजय प्राप्त करो।)
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
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Hari Shabd Roop का पुल्लिंग रूप क्या है?
‘हरी’ शब्द का पुल्लिंग रूप ‘हर’ होता है। हरी शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द है, जबकि हर पुल्लिंग रूप कम उपयोग में आता है और सामान्यतः स्त्रीलिंग रूप के लिए हरी का ही प्रयोग होता है।
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क्या हरी शब्द रूप के रूप केवल पुल्लिंग शब्दों के लिए हैं?
हाँ, हरी शब्द रूप विशेष रूप से अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के लिए हैं। स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग शब्द रूप अलग होते हैं, जैसे ‘द्रव्य’ (नपुंसकलिंग)।
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हरी शब्द रूप को याद करने का सबसे आसान तरीका क्या है?
Hari Shabd Roop को याद करने का सबसे अच्छा तरीका है तालिका बनाकर बार-बार अभ्यास करना और Mnemonic तकनीक का उपयोग करना। इसके अलावा, विभक्तियों और वचनों के अनुसार वाक्य निर्माण करना भी इन रूपों को व्यवहारिक रूप से समझने और याद रखने में मदद करता है।
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संस्कृत में हरी शब्द रूप का व्यावहारिक उपयोग कहाँ किया जा सकता है?
हरी शब्द रूप का उपयोग संस्कृत में शुद्ध वाक्य बनाने के लिए किया जाता है। यह व्याकरणिक संरचना को सही बनाने के लिए आवश्यक है और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, संस्कृत निबंधों और भाषाई अभ्यास में भी महत्वपूर्ण है।
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हरी शब्द रूप को याद करने में सबसे सामान्य गलती क्या होती है?
सबसे सामान्य गलती विभक्ति और वचन के अनुसार सही रूप का उपयोग न करना है। उदाहरण के लिए, प्रथमा एकवचन में ‘हरी’ की जगह गलती से ‘हरिम्’ कहना। इसलिए तालिका का अध्ययन और अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है।
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निष्कर्ष – Conclusion
संस्कृत व्याकरण में ‘Hari Shabd Roop’ का विशेष महत्व है, क्योंकि यह न केवल सही वाक्य निर्माण में मदद करता है बल्कि भाषा की संरचना को भी स्पष्ट करता है। हमने यहाँ विभक्तियों और वचनों के अनुसार हरी शब्द के रूपों को विस्तार से समझा है।
तालिका, उदाहरण वाक्य, और स्मरण युक्तियों के माध्यम से आप इन रूपों को आसानी से याद कर सकते हैं। संस्कृत भाषा में महारत हासिल करने के लिए नियमित अभ्यास बेहद जरूरी है। चाहे आप एक छात्र हों जो परीक्षा की तैयारी कर रहा है या कोई व्यक्ति जो संस्कृत व्याकरण को बेहतर ढंग से समझना चाहता है, यह गाइड आपके लिए एक उपयोगी संसाधन साबित होगी।
अंत में, हमारी PDF गाइड को डाउनलोड करना न भूलें, ताकि आप कहीं भी और कभी भी इसे देख सकें और अपनी पढ़ाई को और भी सरल बना सकें।