क्या आपको भी स्कूल में कभी balak shabd roop लिखने या कक्षा में याद करके सुनाने को कहा गया है? हो सकता है, तब आपके संस्कृत अध्यापक ने यह नहीं कहा हो कि यह कितना महत्वपूर्ण है। जबकि यह संस्कृत व्याकरण में शब्द रूपों के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द है।
‘बालक शब्द रूप‘ खासतौर से उन बुनियादी शब्द रूपों में से एक है, जिसे छोटी कक्षाओं से लेकर 12वीं कक्षा तक कई बार पढ़ाया और पूछा जाता है।
संस्कृत में शब्द रूपों की गहरी समझ हमें शब्दों का सही प्रयोग करने और उनके व्याकरणिक नियमों को बेहतर तरीके से अपनाने में मदद करती है। इस blog में हम विशेष रूप से ‘बालक शब्द रूप’ को हिंदी अर्थ सहित समझेंगे। साथ ही, जानेंगे कि शब्द रूप क्या होते हैं, इन्हें कितने भागों में बाँटा गया है, और इन्हें याद करने के आसान तरीके क्या हैं।
इस ब्लॉग का उद्देश्य है कि आप ‘बालक शब्द रूप’ को पूरी तरह से समझ सकें और इसे आसानी से याद कर पाएं। अंत में, हम आपको इसका PDF Download करने का option भी देंगे, ताकि आप इस guide को अपने पास रख सकें और जब भी जरूरत हो, तब इसका उपयोग कर सकें।
Table of Contents
Balak Shabd Roop In Sanskrit
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | बालकः | बालकौ | बालकाः |
द्वितीया | बालकम् | बालकौ | बालकान् |
तृतीया | बालकेन | बालकाभ्याम् | बालकैः |
चतुर्थी | बालकाय | बालकाभ्याम् | बालकेभ्यः |
पंचमी | बालकात्/बालकाद् | बालकाभ्याम् | बालकेभ्यः |
षष्ठी | बालकस्य | बालकयोः | बालकानाम् |
सप्तमी | बालके | बालकयोः | बालकेषु |
सम्बोधन | हे बालक! | हे बालकौ! | हे बालकाः! |

अकारांत शब्द रूप क्या है?
परिभाषा:
अकारांत शब्द वे संज्ञा शब्द होते हैं जो ‘अ’ वर्ण पर समाप्त होते हैं। इन शब्दों का प्रयोग संस्कृत व्याकरण में प्रमुख रूप से किया जाता है और इनकी पहचान उनके अंतिम अक्षर से की जाती है। उदाहरण के लिए, ‘बालक’, ‘राजा’, और ‘गज’ जैसे शब्द अकारांत संज्ञा शब्द हैं। ये सभी ‘अ’ पर समाप्त होते हैं और इन्हें विभिन्न विभक्तियों और वचनों में परिवर्तित किया जाता है।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
शब्द रूप की परिभाषा:
शब्द रूप एक संज्ञा शब्द के विभिन्न रूप होते हैं, जो विभक्ति और वचन के अनुसार बदलते हैं। संस्कृत भाषा में हर संज्ञा शब्द के लिए अलग-अलग विभक्ति रूप होते हैं, जो उस शब्द के प्रयोग को वाक्य में व्याकरणिक रूप से सही बनाते हैं।
उदाहरण के लिए, ‘बालक’ शब्द का प्रयोग वाक्य में किस प्रकार किया जाएगा, यह उसकी विभक्ति (जैसे, कर्ता, कर्म, कारण आदि) और वचन (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) पर निर्भर करता है। शब्द रूपों की यह समझ संस्कृत व्याकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सही वाक्य निर्माण और संपूर्ण भाषा की संरचना को समझने में सहायक होती है।
शब्द रूप व्याकरण का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसे पढ़ने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है।
शब्द रूप को कितने भागों में बाँटा गया है?
शब्द रूपों के मुख्य दो भाग:
1. विकारी शब्द रूप:
विकारी शब्द रूप वे शब्द होते हैं जो विभक्तियों और वचनों के अनुसार अपना रूप बदलते हैं। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और क्रियाएं विकारी शब्दों के अंतर्गत आती हैं, क्योंकि ये शब्द वाक्य में व्याकरणिक स्थिति के अनुसार परिवर्तित होते हैं। उदाहरण के लिए, ‘बालक’ का विभक्ति और वचन के अनुसार अलग-अलग रूप हो सकते हैं, जैसे बालकः, बालकम्, बालकेन, आदि।
विभक्ति और वचन:
शब्द रूप को मुख्य रूप से विभक्ति और वचन के आधार पर भागों में विभाजित किया जाता है। संस्कृत व्याकरण में विभक्ति का अर्थ है वह रूप परिवर्तन, जो किसी संज्ञा शब्द में होता है ताकि उसका सही व्याकरणिक प्रयोग वाक्य में किया जा सके। प्रत्येक संज्ञा शब्द को सात विभक्तियों में विभाजित किया जाता है: प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, और सप्तमी।
इसके अलावा, शब्द रूप को वचन के अनुसार भी वर्गीकृत किया जाता है। संस्कृत में तीन वचन होते हैं:
- एकवचन (सिंगुलर) – एक ही व्यक्ति या वस्तु को दर्शाने वाला।
- द्विवचन (ड्यूल) – दो व्यक्तियों या वस्तुओं को दर्शाने वाला।
- बहुवचन (प्लुरल) – एक से अधिक (दो से अधिक) व्यक्तियों या वस्तुओं को दर्शाने वाला।
इस प्रकार, संज्ञा शब्द के रूप को विभक्ति और वचन के आधार पर परिवर्तित किया जाता है, जिससे वह वाक्य में सही स्थान और अर्थ प्रकट कर सके।
2. अविकारी शब्द रूप:
अविकारी शब्द रूप वे शब्द होते हैं जो विभक्तियों या वचनों के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते। इनमें अव्यय शब्द जैसे उपसर्ग, निपात, और क्रियाविशेषण शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, ‘अब’, ‘परंतु’, और ‘भी’ जैसे शब्द अपने रूप में स्थिर रहते हैं, चाहे उनका वाक्य में कोई भी प्रयोग हो।
बालक शब्द रूप (सभी विभक्ति रूप हिंदी अर्थ सहित)
Balak Ka Shabd Roop
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | बालकः (बालक, बालक ने) | बालकौ (दो बालकों, दो बालकों ने) | बालकाः (अनेक बालकों, अनेक बालकों ने) |
द्वितीया | बालकम् (बालक को) | बालकौ (दो बालकों को) | बालकान् (अनेक बालकों को) |
तृतीया | बालकेन (बालक से, बालक के द्वारा) | बालकाभ्याम् (दो बालकों से, दो बालकों के द्वारा) | बालकैः (अनेक बालकों से, अनेक बालकों के द्वारा) |
चतुर्थी | बालकाय (बालक को, बालक के लिए) | बालकाभ्याम् (दो बालकों को, दो बालकों के लिए) | बालकेभ्यः (अनेक बालकों को, अनेक बालकों के लिए) |
पंचमी | बालकात्/बालकाद् (बालक से) | बालकाभ्याम् (दो बालकों से) | बालकेभ्यः (अनेक बालकों से) |
षष्ठी | बालकस्य (बालक का, बालक के, बालक की) | बालकयोः (दो बालकों का, दो बालकों के, दो बालकों की) | बालकानाम् (अनेक बालकों का, अनेक बालकों के, अनेक बालकों की) |
सप्तमी | बालके (बालक में, बालक पर) | बालकयोः (दो बालकों में, दो बालकों पर) | बालकेषु (अनेक बालकों में, अनेक बालकों पर) |
सम्बोधन | हे बालक! (हे बालक!) | हे बालकौ! (हे दो बालकों!) | हे बालकाः! (हे अनेक बालकों!) |

बालक शब्द रूप कैसे याद करें?
Balak Ke Shabd Roop याद करने की ट्रिक
1. Mnemonic विधि:
शब्द रूप याद करने के लिए Mnemonic तकनीक का उपयोग करें। उदाहरण के लिए, बालक शब्द के विभक्ति रूपों को एक दिलचस्प कहानी से जोड़कर याद रखें। यह कहानी आपको हर विभक्ति रूप के साथ एक स्मृति संबंध स्थापित करने में मदद करेगी, जिससे याद करना आसान हो जाएगा।
2. तालिका बनाना:
एक व्यवस्थित तालिका बनाकर बालक शब्द के सभी विभक्ति और वचन रूप लिखें। इसे बार-बार पढ़ें और दोहराएं। तालिका बनाकर अभ्यास करने से आपका ध्यान हर रूप पर केंद्रित रहेगा और याद करना प्रभावी हो जाएगा।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | : | औ | आः |
द्वितीया | म् | औ | आन् |
तृतीया | येन | भ्याम् | ऐः |
चतुर्थी | आय | भ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | आत् | भ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | स्य | योः | आनाम् |
सप्तमी | े | योः | एषु |
सम्बोधन | हे बालक! | हे बालकौ! | हे बालकाः! |

आप ऊपर दी गई तालिका के अनुसार
शब्द के अंत में दिए गए प्रत्यय जोड़कर शब्द रूप बना सकते हैं। यदि आप बालक शब्द रूप को हमेशा के लिए याद रखना चाहते हैं, तो लिखकर नियमित अभ्यास करना जरूरी है। लिखने और बार-बार दोहराने से शब्द रूप लंबे समय तक याद रहेंगे।
3. दोहराव:
शब्द रूपों को बार-बार लिखने और पढ़ने से स्मरणशक्ति मजबूत होती है। नियमित दोहराव से आप उन्हें लंबे समय तक याद रख सकते हैं। यह तकनीक विशेष रूप से तब सहायक होती है जब आप परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं।
4. अभ्यास समूह:
अन्य विद्यार्थियों के साथ एक समूह बनाएं और मिलकर अभ्यास करें। समूह में अभ्यास करने से आप एक-दूसरे की गलतियाँ सुधार सकते हैं और शब्द रूपों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। यह तकनीक न केवल सीखने में मदद करती है, बल्कि अभ्यास को भी मजेदार बनाती है।
5. उदाहरण वाक्यों का उपयोग:
बालक शब्द रूपों को वाक्यों में प्रयोग करें। जब आप उन्हें वाक्यों में इस्तेमाल करेंगे, तो उनका सही व्याकरणिक प्रयोग भी याद रहेगा। उदाहरण वाक्यों के माध्यम से आप शब्द रूपों को व्यवहारिक रूप से समझ सकते हैं, जिससे आपकी भाषा कौशल में सुधार होगा।
बालक शब्द से बनने वाले वाक्य
(संस्कृत में हिंदी अर्थ सहित)
प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक)
- एकवचन: बालकः पाठं पठति। (बालक पाठ पढ़ता है।)
- द्विवचन: बालकौ उद्याने गच्छतः। (दो बालक उद्यान में जाते हैं।)
- बहुवचन: बालकाः खेलं कुर्वन्ति। (बालक खेलते हैं।)
द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक)
- एकवचन: बालकम् गुरु वदति। (गुरु बालक को बुलाता है।)
- द्विवचन: बालकौ क्रीडांगणं पश्यतः। (दो बालक खेल का मैदान देखते हैं।)
- बहुवचन: बालकान् शिक्षकः श्लाघते। (शिक्षक बालकों की प्रशंसा करता है।)
तृतीया विभक्ति (करण कारक)
- एकवचन: बालकेन लेखनी लिख्यते। (बालक के द्वारा लेखनी से लिखा जाता है।)
- द्विवचन: बालकाभ्याम् पुस्तकं ध्रियते। (दो बालकों के द्वारा पुस्तक धरी जाती है।)
- बहुवचन: बालकैः गीतं गाय्यते। (बालकों के द्वारा गीत गाया जाता है।)
चतुर्थी विभक्ति (सम्प्रदान कारक)
- एकवचन: बालकाय फलम् ददामि। (मैं बालक को फल देता हूँ।)
- द्विवचन: बालकाभ्याम् पुस्तके दीये। (दो बालकों को पुस्तकें दी गईं।)
- बहुवचन: बालकेभ्यः मिठाई वितर्यते। (बालकों को मिठाई बांटी जाती है।)
पंचमी विभक्ति (अपादान कारक)
- एकवचन: बालकात् गुरुः प्रश्नं पृच्छति। (गुरु बालक से प्रश्न पूछता है।)
- द्विवचन: बालकाभ्याम् वृक्षात् पतनं भवति। (दो बालकों से पेड़ से गिरावट होती है।)
- बहुवचन: बालकेभ्यः ग्रामात् आगमनम्। (बालकों से गाँव से आगमन होता है।)
षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध कारक)
- एकवचन: बालकस्य पुस्तकं नूतनं अस्ति। (बालक का पुस्तक नया है।)
- द्विवचन: बालकयोः मित्रत्वं गाढम्। (दो बालकों की मित्रता गहरी है।)
- बहुवचन: बालकानाम् क्रीडाङ्गणं विशालम्। (बालकों का खेल का मैदान विशाल है।)
सप्तमी विभक्ति (अधिकरण कारक)
- एकवचन: बालके उद्याने क्रीडति। (बालक उद्यान में खेलता है।)
- द्विवचन: बालकयोः गृहे भोजनं। (दो बालकों के घर में भोजन है।)
- बहुवचन: बालकेषु विद्यालये उत्सवः। (बालकों के विद्यालय में उत्सव है।)
सम्बोधन (विस्मय कारक)
- एकवचन: हे बालक! पाठं पठ। (हे बालक! पाठ पढ़।)
- द्विवचन: हे बालकौ! शीघ्रं आगच्छताम्। (हे दो बालक! जल्दी आओ।)
- बहुवचन: हे बालकाः! क्रीडायाम् मग्ना भवत। (हे बालक! खेल में मग्न हो जाओ।)
यह उदाहरण वाक्य ‘बालक’ शब्द रूप के सही प्रयोग को दर्शाते हैं। इन वाक्यों के माध्यम से आप समझ सकते हैं कि कैसे विभक्ति और वचन के अनुसार शब्द रूप बदलते हैं और उनका वाक्य में सही प्रयोग होता है। अभ्यास करते समय इन वाक्यों को पढ़ें और स्वयं भी नए वाक्य बनाने का प्रयास करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
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बालक शब्द रूप का स्त्रीलिंग रूप क्या है?
बालक शब्द का स्त्रीलिंग रूप ‘बालिका’ होता है। बालिका शब्द भी अकारांत स्त्रीलिंग शब्द है, और इसके रूप भी विभक्तियों और वचनों के अनुसार बदले जाते हैं। उदाहरण: “बालिका विद्यालयं गच्छति।” (बालिका विद्यालय जाती है।)
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क्या बालक शब्द रूप के रूप केवल पुल्लिंग शब्दों के लिए हैं?
हाँ, बालक शब्द रूप विशेष रूप से अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द के लिए हैं। इसके स्त्रीलिंग और नपुंसकलिंग रूप अलग होंगे, जैसे ‘बालिका’ (स्त्रीलिंग) और ‘फल’ (नपुंसकलिंग)।
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बालक शब्द रूप को याद करने में सबसे सामान्य गलती क्या होती है?
सबसे सामान्य गलती विभक्ति और वचन के अनुसार सही रूप का उपयोग न करना है। उदाहरण के लिए, प्रथमा एकवचन में ‘बालकः’ की जगह गलती से ‘बालकम्’ कहना। इसलिए अभ्यास और सही तालिका का अध्ययन जरूरी है।
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बालक शब्द रूप का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जा सकता है?
बालक शब्द रूप का उपयोग संस्कृत वाक्य बनाने, व्याकरण के नियमों को समझने, और भाषा को शुद्ध और सही तरीके से लिखने या बोलने में किया जाता है।
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संस्कृत में बालक शब्द रूप का व्यावहारिक उपयोग कहाँ किया जा सकता है?
बालक शब्द रूप का उपयोग संस्कृत में शुद्ध वाक्य बनाने के लिए किया जाता है। यह व्याकरणिक संरचना को सही बनाने के लिए आवश्यक है और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी महत्वपूर्ण है।
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Conclusion
निष्कर्ष: संस्कृत व्याकरण में ‘बालक शब्द रूप’ का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह न केवल सही वाक्य निर्माण में मदद करता है बल्कि भाषा की संरचना को भी स्पष्ट करता है। हमने यहाँ विभिन्न विभक्तियों और वचनों में बालक शब्द के रूपों को विस्तार से समझा है।
याद रखने की युक्तियों और उदाहरण वाक्यों से आप इन्हें और भी सरलता से समझ सकते हैं। नियमित अभ्यास और समर्पण के साथ, आप संस्कृत भाषा में कुशलता प्राप्त कर सकते हैं। अंत में, हमारी PDF गाइड का उपयोग करके अपनी पढ़ाई को और भी सुविधाजनक बनाएं।